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1389 को सल्तनत उसमानिया और सरबिया की आज ही के दिन (28/जुन)

1389 को सल्तनत उसमानिया और सरबिया की
आज ही के दिन (28/जुन)

अफवाज के दरमियान जुनूब मशरिकी यूरोप के मकाम को सौदा (Kosovo) मे खुने जंग शूरू हुई, जिस मे तुर्को की फत्ह हुई,एक अन्दाजे के मुताबिक इस जंग मे मुराद की अफवाज 40 हजार नफूस पर मुस्तमिल है जबकि सरबिया की फौज 30 हजार नफूस पर जंग के खातमा के बाद सरबिया के एक गिरफ्तार शुदा फौजी ने सल्तानत उश्मानिया के तिसरे फरमा नरवा सुल्तान मुराद अव्वल को शहीद कर दिया,जबकि सरबिया का शाह लारजा मैदान जंग मे मारा गया-मुराद अव्वल 1362-1389  सुल्तान उश्मानिया के हुकमरान रहै वह औ
र खान अव्वल के शहजादे थे और बाज नतिनी शहजादी हैलियन (निलोफर) के बतन से पैदा हुऐ और अपने वालिद की वफात के बाद तख्त नशीन हुऐ इन्होने नौ मुफ्तुआ शहर अदरना को दारलहुकूमत करार दे कर युरोप मे उश्मानी पेश कदमी को मजबुत किया और बलकान का बैस्तर ईलाका उश्मानी कलमरो मे सामिल किया  और बाज नतीनी हुकमरान को खराज देने पर मजबुर किया मुराद अव्वल पहले हुकमरान थे जिन्होंने आल उश्मानी को सल्तानत उश्मानिया मे बदल दिया इन्होंने 1383 मे सुल्तान का लकब हाशिल किया और यनी चिरी और दैवशुरमा का निजाम और दिवान तस्कील किया इन्होंने सल्तानत को दो शुबो मे  अनातुलिया और यूरोप मे तकशीम किया इनके दौरे हुकुमत मे मौजूदा बिलगारिया का दारूलहुकुमत शुफिया सल्तानत उस्मानिया मे सामिल हुआ।

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