*कौन किसके साथ*
*1 सरकार,*
*2 समर्थक देश,*
*9 बिरोधी देश* लगभग
और 5 लडके संघटन।
जी ये आज की हक़ीक़त है सीरिया की, जो दुनिया में हुए अभी तक के सबसे भयानक *गृह युद्ध*(civil war) से गुज़र रहा है,
जिसमे अभी तक 5 लाख लोग से ज़ियादा मारे जा चुके हैं।
*2 समर्थक देश:* ईरान और रूस।
*9 बिरोधी देश:* *अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, तुर्की, अरब, जॉर्डन, क़तर, बहरीन, मोरक्को*।
2 समर्थक लडके संघठन:सीरियन सरकारी आर्मी, हिज़्बुल्लाह।
5 विरोधी लडके संघटन:सीरियन रेबल्स,
*अल-नुसरा फ्रंट, इस्लामिक ग्रुप, फ्री सीरियनआर्मी और ISIS*।
सबसे पहले ये समझिये कौन किसे सहायता पहुँचा रहा है, हथियार दे कर।
*असद सरकार:-* ईरान और रूस से हथियार ले रहा है,
ये ISIS, सीरियन रेबल्स, फ्री सीरियन आर्मी, अल-नुसरः और इस्लामिक ग्रुप से लड़ रहा है,
*हिबजुल्लाह:-* ईरान और असद सरकार से हथियार ले रहा है,
ये ISIS और अल-नुसरः से लड़ रहा है।
*फ्री सीरियन आर्मी:-* तुर्की, सऊदी अरब और अमेरिका से हथियार ले रहा है,
ये असद सरकार और सीरियन रेबल्स से लड़ रहा है,
*सीरियन रेबल्स:-* अमेरिका से हथियार ले रहा है,ये ISIS, असद सरकार और हिज़्बुल्लाह से लड़ रहा है,अल-नुसरः :- फ्री सीरियन आर्मी और इस्लामिक ग्रुप से हथियार ले रहा है,
इसका मतलब है, अल-नुसरः को तुर्की, अरब और अमेरिका छुप कर सहायता कर रहा है,
जो ISIS, असद सरकार और हिबजुल्लाह से लड़ रहा है।
ISIS को हथियार कोई नहीं दे रहा है, पर वो सभी से लड़ रहा है, ये समझने वाली बात है,
असल में यहाँ लड़ाई,
*सुन्नी, शिया और वहाबी* के बीच है, जिसका फायदा पश्चिम के देश उठा रहे हैं,
ज़ियादारत खरी देशों में अमरीका का दबदबा है,
जिस वजह से रूस सीरिया की तरफ नज़रे जमाये हुआ है,
इसके अलका भी वजहें हैं,
पर ये अहम है।।लड़ाई सिर्फ फ़ौज से नहीं होती है *डिप्लोमेसी* का भी बड़ा हाथ होता है बल्कि असली लड़ाई *डिप्लोमेसी* के लेवल पर ही होती है *डिप्लोमेटिक* लेवल पर तुर्की फंसा हुआ है अभी तुर्की बंटने से बच जाये यही बड़ी बात होगी उसका कूर्द इलाक़ा उसके पास रह जाए यही बड़ी बात होगी खिलाफत ए उस्मानिया के दौर में बाल्कन की पहली जंग में तुर्की के खिलाफ जंग लड़ने वालों का साथ रूस ने दिया था जिसमे तुर्की हार गया था और बहुत सारे इलाके से हाथ धोना पड़ गया था अगर तुर्की खुल कर आगे आएगा तो रूस से जंग लड़नी होगी और फिर से उसे हारना होगा क्योंकि सभी लोग उसके विरोधी होंगे सभी मसले की जड़ यही है देश के अंदर भी *कमालिस्ट , गुलेनिस्ट* इस मौक़े के इंतज़ार में हैं की कब *एरदोगान* को उखाड़ कर फ़ेंक दिया जाए
*1 सरकार,*
*2 समर्थक देश,*
*9 बिरोधी देश* लगभग
और 5 लडके संघटन।
जी ये आज की हक़ीक़त है सीरिया की, जो दुनिया में हुए अभी तक के सबसे भयानक *गृह युद्ध*(civil war) से गुज़र रहा है,
जिसमे अभी तक 5 लाख लोग से ज़ियादा मारे जा चुके हैं।
*2 समर्थक देश:* ईरान और रूस।
*9 बिरोधी देश:* *अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, तुर्की, अरब, जॉर्डन, क़तर, बहरीन, मोरक्को*।
2 समर्थक लडके संघठन:सीरियन सरकारी आर्मी, हिज़्बुल्लाह।
5 विरोधी लडके संघटन:सीरियन रेबल्स,
*अल-नुसरा फ्रंट, इस्लामिक ग्रुप, फ्री सीरियनआर्मी और ISIS*।
सबसे पहले ये समझिये कौन किसे सहायता पहुँचा रहा है, हथियार दे कर।
*असद सरकार:-* ईरान और रूस से हथियार ले रहा है,
ये ISIS, सीरियन रेबल्स, फ्री सीरियन आर्मी, अल-नुसरः और इस्लामिक ग्रुप से लड़ रहा है,
*हिबजुल्लाह:-* ईरान और असद सरकार से हथियार ले रहा है,
ये ISIS और अल-नुसरः से लड़ रहा है।
*फ्री सीरियन आर्मी:-* तुर्की, सऊदी अरब और अमेरिका से हथियार ले रहा है,
ये असद सरकार और सीरियन रेबल्स से लड़ रहा है,
*सीरियन रेबल्स:-* अमेरिका से हथियार ले रहा है,ये ISIS, असद सरकार और हिज़्बुल्लाह से लड़ रहा है,अल-नुसरः :- फ्री सीरियन आर्मी और इस्लामिक ग्रुप से हथियार ले रहा है,
इसका मतलब है, अल-नुसरः को तुर्की, अरब और अमेरिका छुप कर सहायता कर रहा है,
जो ISIS, असद सरकार और हिबजुल्लाह से लड़ रहा है।
ISIS को हथियार कोई नहीं दे रहा है, पर वो सभी से लड़ रहा है, ये समझने वाली बात है,
असल में यहाँ लड़ाई,
*सुन्नी, शिया और वहाबी* के बीच है, जिसका फायदा पश्चिम के देश उठा रहे हैं,
ज़ियादारत खरी देशों में अमरीका का दबदबा है,
जिस वजह से रूस सीरिया की तरफ नज़रे जमाये हुआ है,
इसके अलका भी वजहें हैं,
पर ये अहम है।।लड़ाई सिर्फ फ़ौज से नहीं होती है *डिप्लोमेसी* का भी बड़ा हाथ होता है बल्कि असली लड़ाई *डिप्लोमेसी* के लेवल पर ही होती है *डिप्लोमेटिक* लेवल पर तुर्की फंसा हुआ है अभी तुर्की बंटने से बच जाये यही बड़ी बात होगी उसका कूर्द इलाक़ा उसके पास रह जाए यही बड़ी बात होगी खिलाफत ए उस्मानिया के दौर में बाल्कन की पहली जंग में तुर्की के खिलाफ जंग लड़ने वालों का साथ रूस ने दिया था जिसमे तुर्की हार गया था और बहुत सारे इलाके से हाथ धोना पड़ गया था अगर तुर्की खुल कर आगे आएगा तो रूस से जंग लड़नी होगी और फिर से उसे हारना होगा क्योंकि सभी लोग उसके विरोधी होंगे सभी मसले की जड़ यही है देश के अंदर भी *कमालिस्ट , गुलेनिस्ट* इस मौक़े के इंतज़ार में हैं की कब *एरदोगान* को उखाड़ कर फ़ेंक दिया जाए
0 टिप्पणियाँ